क्या आपको पता है कि 25 दिसम्बर क्यों मनाया जाता है..???
🚩आइये आपको बताते हैं 25 दिसम्बर का वास्तविक इतिहास…
🚩अभी #यूरोप, #अमरीका और #ईसाई जगत में इस समय #क्रिसमस डे की धूम है। अधिकांश लोगों को तो ये पता ही नहीं है कि यह क्यों मनाया जाता है।
🚩कुछ लोगों का भ्रम है कि इस दिन ईशदूत #ईसा मसीह का जन्मदिन पड़ता है पर #सच्चाई यह है कि 25 दिसम्बर का ईसा मसीह के जन्मदिन से कोई सम्बन्ध ही नहीं है। #एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, 7 से 2 ई.पू. के बीच हुआ था ।
🚩वास्तव में #पूर्व में 25 दिसम्बर को ‘#मकर संक्रांति’ पर्व आता था और #यूरोप-अमेरिका धूम-धाम से इस दिन #सूर्य उपासना करता था। #सूर्य और पृथ्वी की गति के कारण #मकर संक्रांति लगभग 80 वर्षों में एक दिन आगे खिसक जाती है।
🚩सायनगणना के अनुसार 22 दिसंबर को #सूर्य उत्तरायण की ओर व 22 जून को दक्षिणायन की ओर गति करता है। #सायनगणना ही प्रत्यक्ष दृष्टिगोचर होती है। जिसके अनुसार 22 दिसंबर को #सूर्य क्षितिज वृत्त में अपने दक्षिण जाने की सीमा समाप्त करके उत्तर की ओर बढ़ना आरंभ करता है। #इसलिए 25 को मकर संक्रांति मनाते थे।
🚩विश्व-कोष में दी गई जानकारी के अनुसार #सूर्य-पूजा को समाप्त करने के उद्देश्य से #क्रिसमस डे का प्रारम्भ किया गया ।
🚩ईस्वी सन् 325 में निकेया (अब इजनिक-तुर्की) नाम के स्थान पर सम्राट कांस्टेन्टाइन ने प्रमुख #पादरियों का एक सम्मेलन किया और उसमें ईसाईयत को प्रभावी करने की योजना बनाई गई।
🚩पूरे #यूरोप के 318 पादरी उसमें सम्मिलित हुए। उसी में #निर्णय हुआ कि 25 दिसम्बर मकर संक्रान्ति को #सूर्य-पूजा के स्थान पर ईसा पूजा की परम्परा डाली जाये और इस बात को छिपाया जाये कि ईसा ने 17 वर्षों तक #भारत में धर्म शिक्षा प्राप्त की थी। इसी के साथ ईसा मसीह के मेग्डलेन से विवाह को भी नकार देने का निर्णय इस सम्मेलन में किया गया था। और बाद में #पहला क्रिसमस डे 25 दिसम्बर सन् 336 में मनाया गया।
🚩आपको बता दें कि #यीशु ने #भारत में कश्मीर में अपने #ऋषि मुनियों से सीखकर 17 साल तक #योग किया था बाद में वे रोम देश में गये तो वहाँ उनके स्वागत में पूरा रोम शहर सजाया गया और मेग्डलेन नाम की #प्रसिद्ध वेश्या ने उनके पैरों को इतर से धोया और अपने रेशमी लंबे बालों से यीशु के पैर पोछे थे ।
🚩बाद में #यीशु के अधिक लोक संपर्क से #योगबल खत्म हो गया और बाद में उनको सूली पर चढ़ा दिया गया तब पूरा रोम शहर उनके खिलाफ था । रोम शहर में से केवल 6 व्यक्ति ही उनके सूली पर चढ़ाने से दुःखी थे ।
🚩क्या है #क्रिसमस और संता क्लॉज का कनेक्शन?
🚩क्या आप जानते हैं कि #जिंगल बेल गाते हुए और लाल रंग की ड्रेस पहने संता क्लॉज का क्रिसमस से क्या रिश्ता है..?
🚩संता क्लॉज का #क्रिसमस से कोई संबंध नहीं!!
🙏🏻आपको जानकर हैरत होगी कि #संता क्लॉज का क्रिसमस से कोई संबंध नहीं है।
🚩ऐसे प्रमाण मिलते हैं कि #तुर्किस्तान के मीरा नामक शहर के बिशप #संत निकोलस के नाम पर सांता क्लॉज का चलन करीब चौथी सदी में शुरू हुआ था, वे गरीब और बेसहारा बच्चों को तोहफे दिया करते थे।
🚩#अब न यीशु का क्रिसमिस से कोई लेना देना है और न ही सांता क्लॉज से ।
फिर भी #भारत में पढ़े लिखे लोग बिना कारण का पर्व मनाते हैं ये सब #भारतीय #संस्कृति को खत्म करके #ईसाई करण करने के लिए #भारत में #क्रिसमस डे मनाया जाता है। इसलिये आप #सावधान रहें ।
🚩ध्यान रहे हमारा #नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरु होता है ।
🚩हम महान #भारतीय #संस्कृति के महान ऋषि -मुनियों की #संतानें हैं इसलिये #अंग्रेजो का #नववर्ष मनाये ये हमें शोभा नहीं देता है ।
🚩क्या अंग्रेज हमारा #नव वर्ष मनाते है ?
नही!!
🚩फिर हम क्यों उनका #नववर्ष मनाएं..???
🚩क्या आपको पता है कि जितने #सरकारी कार्य है वो 31 मार्च को बन्द होकर 2 अप्रैल से नये तरीके से शुरू होते हैं क्योंकि हमारा नववर्ष उसी समय आता है ।
🚩हमारे #संतों ने सदा हमें हमारी #संस्कृति से परिचित कराया है और आज भी हमारे #हिन्दू #संत #हिन्दू संस्कृति की सुवास चारों दिशाओं में फैला रहे हैं। इसी कारण उन्हें विधर्मियों द्वारा न जाने कितना कुछ सहन भी करना पड़ा है।
🚩अभी गत वर्ष 2014 से देश में सुख, सौहार्द, स्वास्थ्य व् शांति से जन मानस का जीवन #मंगलमय हो इस लोकहितकारी उद्देश्य से #संत #आसारामजी #बापू की #प्रेरणा से #25 दिसम्बर “तुलसी पूजन दिवस” के रूप में मनाया जा रहा है। आप भी #तुलसी पूजन करके मनाये।
🚩जिस #तुलसी के पूजन से मनोबल, चारित्र्यबल व् आरोग्य बल बढ़ता है,
🚩मानसिक अवसाद व आत्महत्या आदि से रक्षा होती है।
🚩 मरने के बाद भी #मोक्ष देनेवाली #तुलसी पूजन की महता बताकर जन-मानस को #भारतीय #संस्कृति के इस सूक्ष्म ऋषिविज्ञान से परिचित कराया #संत #आसारामजी #बापू ने।
🚩धन्य है ऐसे #संत जो अपने साथ हो रहे अन्याय,अत्याचार को न देखकर #संस्कृति की सेवा में आज भी सेवारत हैं ।
🚩🇮🇳🚩 आज़ाद भारत?